Thursday, February 14, 2008

ऐ मेरे दोस्त

ऐ मेरे दोस्त, यह कैसा सवाल
की चिट भी तेरी और पट भी तेरी
पूछते हो कि वापस आने का है क्या इरादा
जो मैं न कहूं तो मंद मंद मुस्कराते हो
और अगर हाँ बोलूँ तो तपाक से कहते हो
"सब येही कहते हैं, वापस कोई नहीं आता "

बहुत गलतियाँ करने के बाद अकल आई हैं हमें
ऐ मेरे दोस्त देख मेरा जवाब
अब चिट भी मेरी और पट भी मेरी
जो तू पूछे वही सवाल, अब में संभाल लेता हूँ
"तुझे क्या लगता है " यह कह कर टाल देता हूँ
जो तू यह कहे तो क्या तुझे लगता हूँ में ऐसा
और जो तू वह कहे तो तू दोस्त कैसा ?

1 comment:

aman said...

he he...
kuch na kehna hi kai sawaalon ka jawab hota hai